ये तो हम जानते हैं कि देश में कोरोना नामक महामारी ने भयंकर रूप ले लिया है हर कोई इस महामारी से परेशान है इसी को देखते हुए देश में महामारी एक्‍ट लागू किया गया है पर क्‍या आप जानते हैं क्‍या है महामारी एक्‍ट अगर नहीं तो आइये जानें क्‍या है महामारी एक्‍ट - Know what is Epidemic Act🤔🤔🤔🤔

जानें क्‍या है महामारी एक्‍ट - Know what is Epidemic Act


जानें क्‍या है महामारी एक्‍ट - Know what is Epidemic Act

भारत में महामारी में मनमानी रोकने के लिए महामारी एक्‍ट 1897 लागू किया जाता है भारतीय दंड संहिता के तहत ही ऐसे प्रावधान किए गए है कि लोगों को किसी भी तरीके का संक्रमण या जानलेवा रोग फैलाने से रोका जा सके महामारी में मनमानी रोकने के लिए इंडियन एपिडेमिक एक्ट 1897 के तहत ऐसे प्रावधान मौजूद हैं 
इस विधेयक को जेम्स वेस्टलैंड (James Westland) की अध्यक्षता वाली एक प्रवर समिति को भेजा गया, जिसने अगले ही सप्ताह 4 फरवरी, 1897 को अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की और इसी दिन संक्षिप्त चर्चा के पश्चात् विधेयक पारित कर दिया गया और ऐसा भी कहा गया गया कि इस विधेयक कई बाद गलत फायदा भी उठाया गया है ऐसा कहा जाता है कि ब्रिटिश काल के दौरान कई अवसरों पर यह भी देखा गया कि ब्रिटिश अधिकारियों द्वारा स्वतंत्रता सेनानियों को गिरफ्तार करने और सार्वजनिक सभाओं को रोकने के लिये इस अधिनियम का दुरुपयोग किया गया
महामारी को लेकर बनाए गए इस कानून को केंद्र सरकार या फिर राज्य सरकार लागू कर सकती है इस एक्ट में स्पष्ट है कि अगर कोई भी व्यक्ति सरकारी दिशा निर्देशों की अवहेलना करता है, तो उस पर कानूनी कार्रवाई की जाए। रिपोर्टों के मुताबिक वर्ष 1897 में अस्तित्व आया था और आजादी के बाद भी केंद्र में रही सभी सरकारों ने इस एक्ट को बरकरार रखा इस एक्ट के सेक्शन 3 में यह बताया गया है कि जो भी व्यक्ति सरकारी आदेशों की अवहेलना करता है, तो उसके खिलाफ आईपीसी की धारा 188 के तहत मुकदमा दर्ज किया जा सकता है। इसमें सजा के तौर पर न्यूनतम सजा 1 महीने की कैद या फाइन या फिर दोनों हो सकते हैं यह सजा बढ़कर 6 महीने की कैद या फाइन या फिर दोनों ही लगाया जा सकता है 
आईपीसी के सेक्‍सन 269 और 270 के तहत अगर कोई संक्रमित व्‍यक्ति अपने रोग के संक्रमण की गंभीरता को जानने के बाबजूद स्‍वस्‍थ्‍य लोगों में इंफेक्‍शन या फिर बीमारी को फैलाता है तो उसके खिलाफ कानूनी कार्यवाही की जा सकती है 
यह अधिनियम तकरीबन 123 वर्ष से अधिक पुराना है जब विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization-WHO) और संयुक्त राष्ट्र (United Nations-UN) जैसे अंतर्राष्ट्रीय संगठनों की स्थापना भी नहीं हुई थी। इस प्रकार यह अधिनियम इन संगठनों द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुरूप कार्य करने में असमर्थ है

कब लागू किया गया महामारी एक्‍ट - When was the epidemic act implemented

भारतीय गवर्नर जनरल की परिषद (Council of the Governor General of India) के सदस्य जे. वुडबर्न (J Woodburn) ने सर्वप्रथम 28 जनवरी, 1897 को ‘ब्लैक डेथ’ के नाम से प्रसिद्ध ब्यूबोनिक प्लेग (Bubonic Plague) के प्रकोप के दौरान महामारी रोग विधेयक को प्रस्तुत किया था इसके बाद वर्ष 2018 में गुजरात के एक गांव में हैजा फैलने पर इस एक्ट का प्रयोग किया गया था वर्ष 2015 में डेंगू और मलेरिया का संक्रमण फैलने पर चंडीगढ़ में और वर्ष 2009 में स्वाइन फ्लू के मामले में पुणे में इस अधिनियम को लागू करने की घोषणा की गई थी 

Tag - The Epidemic Act Of India 1897, the Epidemic Diseases Act, 



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