अभिमन्‍यु भारद्वाज 3:32:00 AM A+ A- Print Email
ये तो हम जानते हैं कि प्रधानमंत्री की सुरक्षा बहुत ही जिम्मेदार लोगों से बनी संस्था एसपीजी (विशेष सुरक्षा दल) 'स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप' के हाथों में होती है आपने ध्यान दिया होगा कि प्रधानमंत्री के साथ कुछ बॉडीगार्ड्स चलते हैं और उनके हाथ में सूटकेस भी होता है. क्या आप जानते हैं कि इस ब्रीफ़केस या सूटकेस में क्या होता है अगर नहीं तो आइये जानें क्‍या होता है प्रधानमंत्री के बॉडीगार्ड्स के ब्रीफकेस में (the Briefcase of PM Bodyguard)

जानें क्‍या होता है प्रधानमंत्री के बॉडीगार्ड्स के ब्रीफकेस में (the Briefcase of PM Bodyguard)


सबसे पहले हम जानते हैंं विशेष सुरक्षा दल (SPG) के बारेे मेें यह देश की सबसे पेशेवर एवं आधुनिकतम सुरक्षा बलों में से एक है इसका मुख्यालय नई दिल्ली में स्थित है SPG का पद तीन साल के निश्चित कार्यकाल के लिए बनाया गया है. SPG फोर्स कैबिनेट सचिवालय के अन्तर्गत काम करता है और रक्षा सचिव इसका प्रमुख होता हैएसपीजी की सुरक्षा प्रधानमंत्री, पूर्व प्रधानमंत्री सहित विदेश से आए विशेष मेहमानों को मिलती है| ये सभी कमांडो आधुनिक हथियारों से लेस होते हैं और कमाल के फुर्तिले भी होते हैं कुछ ही सेकंड में ये अपनी पोजीशन ले लेते हैं
आपको बता दे की SPG के जवानों के साथ पीएम के काफिले में एक दर्जन गाड़ियां होती हैं, जिसमें बीएमडब्ल्यू 7 सीरीज की सिडान, 6 बीएमडब्ल्यू एक्स3 और एक मर्सिडीज बेंज होती है. इसके अलावा मर्सिडीज बेंज ऐंम्बुलेंस, टाटा सफारी जैमर भी इस काफिले में शामिल होते है
1981 से पहले, भारत के प्रधानमंत्री के आवास पर प्रधानमंत्री की सुरक्षा पुलिस उपायुक्त (DCP) के प्रभारी दिल्ली पुलिस के विशेष सुरक्षा जिले की जिम्मेदारी हुआ करती थी लेे‍किन अक्टूबर 1984 में प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद एसपीजी का गठन हुआ था स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप ने अप्रैल 1985 से 2 जून 1988 तक एक सुरक्षा समूह के तौर पर कार्यकारी आदेश की शक्ति के तौर पर तीन साल के लिए कानून के बिना काम किया था 1991 में राजीव गांधी की हत्या के बाद इसमें संसोधन किया गयाा
अब बात करते हैं प्रधानमंत्री के साथ चलते वाले सूटकेस की कुुुछ लोगों का ऐसा मानना है कि इस सूटकेस में परमाणु हथियारों को लोंच करने के कोड होते हैं यानि इस सूटकेस के माध्‍यम से प्रधानमंत्री कहीं और कभी भी आपातकाल के दौरान परमाणु हथियारों को लोंच कर सकते हैं लेकिन ऐसा नहीं है आपको बता दें भारतीय परमाणु हथियारों को कब और कैसे इस्तेमाल करना है, इसका निर्णय लेने का एकाधिकार भारत के प्रधानमंत्री को नहीं है। यह निर्णय लेने का अधिकार परमाणु कमान प्राधिकरण (Nuclear Command Authority) को है

दरअसल यह सूटकेस वास्तव में बहुत पतला दिखता है और प्रधानमंत्री से कुछ फीट कि दूरी पर रहता है असल मे यह एक पोर्टेबल बुलेट प्रूफ शील्ड या पोर्टेबल फ़ोल्डआउट बैलिस्टिक शील्ड होती है जिसे हमले के दौरान खोला जा सकता है जो कि एनआईजी लेवल-3 की सुरक्षा प्रदान करती है जब भी सुरक्षा बलों को किसी भी खतरे या संदिग्ध गतिविधि का अंदेशा होता है वे प्रधानमंत्री को सुरक्षित करने के लिए उस शील्ड को नीचे की ओर झटका देते हैं जिससे वह शील्ड खुल जाती है देखा जाए तो यह एक तरह से ढाल का काम करती है जोकि अति विशिष्ट व्यक्तियों को तत्काल और अस्थायी सुरक्षा देती है इस सूूटकेस में एक जेब होती है जिसमें एक गन रखी होती है जिसे सुरक्षाकर्मी प्रधानमंत्री के सुरक्षा के लिए प्रयोग में लाते हैं

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