अभिमन्‍यु भारद्वाज 9:49:00 PM A+ A- Print Email

चाय हमारे जीवन का अहम हिस्‍सा बन चुकी है सुबह उठते ही लगभग सभी लोगों को चाय पीने की आदत होती है लेकिन आपने कई चाय पत्‍ती के स्‍थान पर टी बैग को देखा होगा पर क्‍या आपने कभी सोचा है टी बैग का  आविष्‍कार किसने किया था अगर नहीं तो आइये जानते हैं जानें कैसे हुआ था टी बैग का आविष्‍कार - invention of tea bag in Hindi

चाय और चाय के बैग का आविष्‍कार - invention of tea bag in Hindi

जानें कैसे हुआ था टी बैग का आविष्‍कार - invention of tea bag in Hindi

चाय का इतिहास (History of tea)

चाय का इतिहास काफी पुराना है जिस चाय का इस्‍तेमाल हम बडे ही शौक से आज कल करते हैं उसका इतिहास हजारों साल पुराना है और आपको जानकारी आश्‍चर्य होगा कि भारत चाय का सबसे बडा उत्‍पादक देश है लेकिन अगर हम बात करें चाय के इतिहास की तो चाय के इतिहास को लेकर बहुत सारी कहानियॉ प्रचलित हैं एक कहानी के अनुसार क़रीब 2700 ईसापूर्व चीनी शासक शेन नुंग बग़ीचे में बैठे गर्म पानी पी रहे थे तभी एक पेड़ की पत्ती उस पानी में आ गिरी जिससे उसका रंग बदला और महक भी उठी राजा ने चखा तो उन्हें इसका स्वाद बड़ा पसंद आया और इस तरह चाय का आविष्कार हुआ एक दूसरी कहानी के अनुसार छठवीं शताब्दी में चीन के हुनान प्रांत में भारतीय बौद्ध भिक्षु बोधिधर्म बिना सोए ध्यान साधना करते थे वे जागे रहने के लिए एक ख़ास पौधे की पत्तियां चबाते थे और बाद में यही पौधा चाय के पौधे के रूप में पहचाना गया

भारत में चाय (Tea in India)

भारत में चाय होने की सबसे पहली खबर 1834 में गवर्नर लॉर्ड विलियम बैंटिक को मिली थी. उन्होंने इस काले पेय के बारे में ब्रिटिश सरकार के अधिकारियों को बताया और​ फिर एक टीम लेकर असम पहुंचे जहां आम नागरिकों की मदद से चाय के पौधे की तलाश कर ही ली एक साल मेहनत करने के बाद उन्होंने 1835 में असम के अंदर चाय का पहला बाग लगाया अंग्रेज़ों ने चाय उत्पादन की शुरुआत 1836 में भारत और 1867 में श्रीलंका में की पहले खेती के लिए बीज चीन से आते थे लेकिन बाद में असम चाय के बीज़ों का उपयोग होने लगा। भारत में चाय का उत्पादन मूल रूप से ब्रिटेन के बाज़ारों में चाय की मांग को पूरा करने के लिए किया गया था

अंग्रेजों के 1947 में भारत से जाने के बाद सरकार ने चाय के कारोबार को जारी रखा और 1953 में पहली बार टी बोर्ड का गठन किया गया टी बोर्ड के जरिए भारतीय चाय को विदेशों तक पहुंचाना आसान हो गया इसके साथ ही मजदूरों के लिए रोजगार के नए अवसर खुल गए आज दुनिया में भारत सबसे बड़ा चाय निर्माता देश है जिसकी 70 फीसदी खपत अकेले भारत में ही होती है

टी बैग का इतिहास (History of tea bag)

ऐसा माना जाता है कि टी बैग के आविष्‍कार का श्रेय न्‍यूयॉर्क के चाय व्‍यापारी थॉमस सुलिवन को जाता है कहा जाता है कि वर्ष 1904 में सुलिवन ने अपने ग्रहाकों को चाय के कुछ नमूने रेशम की छोटी छोटी थैलियों में भरकर भेजे थे और उन्‍होंने इस थैलियों को खोलने की अपेक्षा इन्‍हें सीघे ही उबले हुऐ पानी में डाल दिया और उन थैलियों में उस पानी में चाय की पत्‍ती की कमी पूरी कर दी और यहीं से टी बैग का आविष्‍कार हुआ था

सुलिवन के भेजे हुए टी बैग लोगों को खूब पसंद आये इसी को देखते हुए सूलि‍वन ने 1920 में टी बैग का व्‍यावसायिक उत्‍पादन शुरू कर दिया और जल्द ही ये थैले पूरे अमेरिका में लोकप्रिय हो गए 1940 के दशक की शुरुआत तक टी बैग्स छोटे गोल बोरों से मिलते जुलते थे और जिन टी बैग का इस्‍तेमाल आजकल किया जाता है इनकी शुरूआत 1944 में हुई थी

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